क्या बन जाता है, पाखंड? (Kya Ban Jata Hain Pakhand)
जीवन का सच्चा अर्थ क्या बन जाता है, पाखंड? – पाखंड (Pakhand) वह है जिसका स्वयं का अनुभव नहीं हुआ है। जीवन का सच्चा अर्थ स्वयं को पहचानना और उसका आनंद लेना है। जब कोई व्यक्ति स्वयं के जीवन को समझ जाता है, तो उसे अपने जीवन की महत्ता का भान होता है। वह समझ […]
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