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क्या बन जाता है पाखंड

क्या बन जाता है, पाखंड? (Kya Ban Jata Hain Pakhand)

जीवन का सच्चा अर्थ क्या बन जाता है, पाखंड? – पाखंड (Pakhand) वह है जिसका स्वयं का अनुभव नहीं हुआ है। जीवन का सच्चा अर्थ स्वयं को पहचानना और उसका आनंद लेना है। जब कोई व्यक्ति स्वयं के जीवन को समझ जाता है, तो उसे अपने जीवन की महत्ता का भान होता है। वह समझ […]

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धर्म एक धंधा था: पूरा देश अँधा था

धर्म क्या है? धर्म एक तेज धार तलवार है, जिस पर लाखों कट चुके हैं और लाखों कटने को तैयार हैं। यह धर्म नहीं है, ना हिंदू होना, ना मुस्लिम होना, ना सिख होना, ना ईसाई होना। धर्म तो एक आग है, जो तुम्हारे भीतर जलती है। जल गई तो तुम धार्मिक, तुम प्रबुद्ध, तुम

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Vishwa Guru :भारत बनेगा विश्व गुरु

भारत धर्म गुरू है. विश्व गुरू (Vishwa Guru) है फिर भी यहां अशांति क्यों है. भारत में उपद्रव और हिंसा क्यों है. मुझे लगता है कि भारत अपने लिए भी गुरू नहीं है. इसमें मैं भारत की निंदा नहीं कर रहा हूं बल्कि धर्म गुरुओं की कर रहा हूं. आलोचना नहीं कर रहा हूं…निंदा कर

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Necessities of Life :जीवन में क्या आवश्यक है ?

एक ने प्रश्न किया कि तुम कहते हो कि धर्म नहीं होता तो दुनिया सुंदर होती. सभी धर्मां के शास्त्र नहीं होते तो दुनिया सुंदर होती. मेरी बात नहीं माननी है तो मत मानों. इस धरा पर तुमने धर्म स्थल बनाये. मंदिर, मस्जिद, गिरजे, गुरुद्वारे…ये भगवान या खुदा ने नहीं (Necessities of Life )बनाये. तुम्हीं

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Holy Book of Hindus :कौन सा है हिंदुओ का धर्म ग्रंथ

एक व्यक्ति पूछता है कि परमात्मा तुम क्या सिखाने का प्रयास करते हो. तुम क्या समझाना चाह रहे हो या तुम दुनिया को क्या बनाना चाह रहे हो. मैं दुनिया को स्वर्ग बनाने का प्रयास कर रहा हूं ताकि तुम जियो यहां पर…ताकि तुम स्वर्ग में आनंदित होकर रहो और उत्सव मनाओ. लेकिन तुम और

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Ponga Pandit :पोंगा पंडित मत बनो

जीवन लाखों लोगों में से एक को प्राप्त होता है. ये कोई आसमान से नहीं टपकता बल्कि धक्के खाकर मिलता है. जैसे मुझे मिला है. मुझे ये 52 वर्ष की अवस्था में मिला. पहले मैं भी तुम्हारी तरह भटकता था. यानी पोंगा पंडित (Ponga Pandit) था. मैं टीका लगाता था. चोटी रखता था. किसी कृष्ण

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धार्मिक और आध्यात्मिक में क्या अंतर हैं

एक ने पूछा कि क्या धार्मिक होना या अध्यात्मिक (धार्मिक और आध्यात्मिक) होना आवश्यक है. हम क्यों हिंदू हों या क्यों मुसलमान, क्यों सिख, क्यों ईसाई जैन या बौद्ध…मैं वर्तमान समय में हिंदू ,मुसलमान, सिख, ईसाई जैन या बौद्ध कुछ भी नहीं हूं. जिसे तुम धार्मिक होना बोलते हो दरअसल वो है ही नहीं. हम

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कैसे दिखते हैं भगवान ?

एक ने पूछा कि परमात्मा तुम किन शास्त्रों में से पढ़कर बोल रहे हो. मैं किसी तुम्हारे शास्त्र से नहीं बोल रहा हूं. और ना मैं किसी शास्त्र की व्याख्या कर रहा हूं. ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं कि मैंने तुम्हारे हजारों शास्त्र पढ़े. अक्षर से अक्षर…वो भी लाइन खींच-खींचकर…अगर तुम्हारे शास्त्रों से परमात्मा

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Meaning of Rupantaran :रुपांतरण का सही अर्थ समझो, ‘मैं’ को मारो पहले

एक ने पूछा कहता है परमात्मा प्रज्ञा जागृत होने पर जो रुपांतरण (Meaning of Rupantaran)होता है. बुधत्व के घटने पर जो मनुष्य में रुपांतरण होता है. वो क्या होता है. ये बचकानी बातें हैं और बच्चों वाले सवाल हैं. कुछ भी फर्क नहीं पड़ता है. तुम्हारे शरीर में कोई परिवर्तन नहीं आता है और ना

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What is Dharm :क्या हिन्दू मुस्लिम होना ही धर्म है ? जानें परमात्मा ने क्या कहा

एक ने प्रश्न किया कि परमात्मा तुम कहते हो कि तुम्हारा ये तथाकथित (What is Dharm)धर्म हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध ना हो तो समाज सुंदर हो जाएगा. कैसे मानें…हम क्यों ना मानें कि समाज उपद्रवी हो जाएगा. कैसे मानें….इसके लिए तो तुम्हें प्रयोग करना होगा. एक दस वर्ष का बच्चा…उसे तुम नदी में

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Bageshwar Dham Baba :चमत्कारी बाबा धीरेंद्र शास्त्री का काला झूठ

बागेश्वर धाम वाले के (Bageshwar Dham Baba)यहां सारे साधु संत जा रहे हैं. चाहे कोईं राजेंद्र दास हो या रमादास…किसी ने पूछा क्यों जा रहे हैं…मैंने कहा कि वे धन्यवाद देने को जा रहे हैं. ऐसा इसलिए कि उनकी दुकानें पिछले कई वर्षों से बंद पड़ी थी जो अब चालू हो गयी. उनकी दुकानें चल

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Dhram ki Dukan :लो खुल गयी एक ओर धर्म की दुकान

एक ने प्रश्न किया कि क्या आप एक और धर्म की दुकान (Dhram ki Dukan) खोलने का प्रयास कर रहे हैं ? अगर तुम्हारे महात्माओं से यह प्रश्न किया जाए तो उठकर भाग जाएंगे. धर्म की दुकान खोलने को लेकर जो प्रश्न किया गया उसका उत्तर भी सुन लो. मैं कोई नयी दुकान नहीं खोल

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Wake up Yourself : न मंदिर जगाओ न मस्जिद, न श्मशान जगाओ, बस तुम जागो

ना मंदिर जगाओ…ना मस्जिद जगाओ…जागना है तो तुम स्वंय जागो (Wake up Yourself). धर्म क्या है. अध्यात्म क्या है. केवल जागरण का नाम…लेकिन तुम क्या करते हो. कोई अहले सुबह उठकर घंटा बजाकर भगवान को जगाने लगता है तो कोई सुबह अजान देकर अल्लाह को जगाने लगता है. कोई गिरजे में तो कोई गुरुद्वारे में

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Looks of God:कैसे दिखते हैं भगवान ? जानें परमात्मा के वचन

परमात्मा तुम किन शास्त्रों में से पढ़कर बोल रहे हो. मैं किसी भी शास्त्र का उपयोग नहीं करता हूं. और ना मैं तुम्हारे शास्त्रों की व्याख्या कर रहा हूं. जानते हो क्यों…क्योंकि मैंने तुम्हारे शास्त्रों (Looks of God) का गहन अध्ययन किया. अगर तुम्हारे शास्त्रों से परमात्मा या खुदा का अनुभव होना होता तो तुम्हें

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What is Bhed Buddhi: ‘भेद बुद्धि को मत बढ़ने दो’, जानें परमात्मा ने ऐसा क्यों कहा

कभी तुमने चांदनी रात में झील देखी (What is Bhed Buddhi)है. तरंग उठती है तो क्या होता है ? तरंग उठने से चांद का प्रतिबिम्ब अशांत हो गया. खो गया. जब तरंगें शांत हुई तो चांद का प्रतिबिम्ब पुन: बन गया. झील अशांत हुआ तो टुकड़ों में चांदनी पूरे झील में फैल गयी. हुआ क्या

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Attachment from the Body: देह से आसक्ति कैसे समाप्त होगी ? जानें परमात्मा ने क्या कहा

परमात्मा ने कहा कि जन्म से आजतक तुम्हें कुछ और ही समझाया गया है. मैं जो बातें बोल रहा हूं, शायद तुम्हें आज समझ में ना आये. उम्मीद है कि आएगी भी नहीं. मेरे मरने के बाद करीब 500 वर्षों के बाद मनुष्य इसे समझेगा. यदि दुनिया के लोगों को सुखी रहना है तो उसे

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Religious and Spiritual:’धार्मिक और आध्यात्मिक में क्या अंतर है’, जानें क्या कहते हैं परमात्मा

एक ने पूछा परमात्मा धर्म का लोप क्यों हो रहा है ? धर्म की हानि क्यों हो रही है ? मनुष्य अशांत क्यों है ? अगर एक मनुष्य हिंसा नहीं करता तो उसके अंदर प्रेम क्यों नहीं है ? धर्म का लोप…मैं भी मानता हूं धर्म (Religious and Spiritual) का लोप हो रहा है. लेकिन

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What is Dhram:’मनुष्य की लाश पर धर्म की स्थापना नहीं हो सकती’, परमात्मा के बोल को समझें

एक ही सवाल…बार-बार भिन्न-भिन्न धर्मों के लोग आकर पूछते हैं (What is Dhram). परमात्मा समाज में हिंसा क्यों बढ़ रही है. अशांति क्यों फैल रही है ? उपद्रव क्यों हो रहे हैं. मनुष्य सुखी क्यों नहीं हो पा रहा है ? धर्म का लोप क्यों हो रहा है ? धर्म का लोप हो रहा है

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What is Karma: कर्म बड़ा हैं या धर्म ? जानें क्या कहते हैं परमात्मा

एक ने प्रश्न पूछा कहता है परमात्मा धर्म की परिपूर्णता तक कोई भी क्यों नहीं पहुंच पाता है. धर्म एक पहेली क्यों बन गयी है. धर्म एक ऐसी भूल-भूलैया बन गया है जिसकी दूसरी ओर कोई भी क्यों नहीं निकल पाता है. तुम्हारे ही कारण…तुम सबके कारण…तुम सब क्या मानते हो धर्म को(What is Karma)….और

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Who is Hindu: आंखे खोलो..जागो…स्वंय को पहचानों

एक ने पूछा कहता है परमात्मा मुक्ति क्या है ? क्या तुम जो कहते हो कि सारे धर्मों को छोड़ दो (Who is Hindu)…सारे शास्त्रों को छोड़ दो…सारे विचारों और परंपराओं को छोड़ दो…तो क्या हम तुम्हारी बात मान लें. तो हम मुक्त हैं. नहीं…फिर वही गलती कर रहे हो जो तुमने जन्मों-जन्मों से की

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Raksha Bandhan 2022 : रक्षाबंधन का शुभ मुर्हूत क्या है ? परमात्मा ने बतायी इसकी सच्चाई

Raksha Bandhan 2022 date : एक ने पूछा कहता है परमात्मा रक्षाबंधन के लिए कौन सा समय उचित है ? कौन सा मुर्हूत…किस समय रक्षा बंधन बांधा जाए. मुर्हूत देखे बगैर तुम्हारा एक कदम भी आगे नहीं बढ़ता है. मनुष्य बिना मुर्हूत (rakshabandhan kab hai) के पैदा होता है और बिना मुर्हूत के मर जाता

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Moksha Prapti : मोक्ष प्राप्ति के लिए क्या करें ? जानें परमात्मा के वचन

बार-बार तुम्हारे प्रश्न…एक ही बात को तुम कई बार पूछते हो. मुक्ति कैसे संभव है. मोक्ष कैसे संभव है. मुक्ति (Moksha Prapti)… हम मरने के बाद कहां जाएंगे जिससे की हम मोक्ष को प्राप्त करेंगे. मुक्ति का मतलब यहां से मरकर कहीं भी जाना नहीं होता है. मैं यहां पर मुक्त हूं. मेरे को कोई

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दुख दूर कैसे होगा ? जानें परामत्मा क्या बता रहे हैं उपाय

किसी ने पूछा परमात्मा संसार में दुख क्यों है ? कोई हिंदू है, कोई मुसलमान, कोई सिख, कोई ईसाई लेकिन इन पदवियों से बढ़कर भी वह दुखी है. यदि वह दुखी नहीं है तो वो क्यों जा रहा है सुख मांगने को…क्यों कृत्य कर रहा है स्वर्ग प्राप्ति के…यानी दुखी है. तो कहता है परमात्मा

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Bageshwar Dham यानी जोकर की दुकान, पढ़ें परमात्मा की क्या है राय

एक व्यक्ति आया और वह पूछता है कि परमात्मा मैं कौन सी सिद्धी करूं जिसमें सिद्ध (Bageshwar Dham) हो जाऊं…जिससे मुझे बोध प्राप्त हो जाए. जिससे मैं उस परमात्मा को पा सकूं…कैसे-कैसे प्रश्न हैं तुम्हारे…तुम परमात्मा को बाजारू वस्तु समझते हो…जिसे तुम पा सको अपने बल पर…अपनी सिद्धी के बल पर….संभव है ? जिसे तुम

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What is Religion: धर्म क्या है? कौन सा धर्म सही है ? परमात्मा से जानें क्या है इसका सच

एक व्यक्ति पूछता है परमात्मा ये बताओ वास्तव में धर्म कौन सा उत्तम है ? यह धर्म कहते किसे हैं (What is Religion)? कुछ लोग बोलते हैं…खासकर हिंदू कि हिंदू ही धर्म है और बाकी सभी संप्रदाय. मुसलमान बोलता है कि मुसलमान ही दीन है और हिंदू जो है वो काफिर है. सिख कुछ अलग

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Hinduism a Religion: क्या हिंदू होना धर्म है? जानें परमात्मा क्या कहते हैं इस बारे में

एक ने पंक्ति भेजी और कहा कि परमात्मा व्याख्या करो…इस पंक्ति की…ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है. शायद ये प्रदीप का भजन है…शायद ना हो…लेकिन ये जिन्होंने भी गीत या भजन लिखे. कोई बौद्ध वहां नहीं रहे होंगे. लेकिन तुमने ये सोचकर सुन लिये कि वो तो गायक है. उसका तो बिजनेस

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Sawan Somwar 2022 : सुख के लिए किस देवता की पूजा करें, जानें परमात्मा का सीधा जवाब

Sawan Somwar 2022: अभी सावन का महीना चल रहा है और सभी शिव की भक्ति में लीन हैं. जानते हो क्यों ? सुख और समृद्धि के लिए…लेकिन क्या केवल सावन के महीने में पूजा अनुष्ठान के बाद सुख की प्राप्ति तुम्हें हो जाएगी ? आइए जानते हैं इस संदर्भ में परमात्मा क्या कहते हैं. एक

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What is god : क्या तुम भी चाहते हो बंधनों से मुक्ति? आखिर किस चीज से, परमात्मा बता रहे हैं सही मार्ग

What is god: फिर किसी ने पूछा कहा परमात्मा तुम्हारा मार्ग कौन सा है ? पंथ कौन सा है.. कौन सा शास्त्र…तुम्हारे रास्ते की गवाही दे रहा है कि तुम सही रास्ते पर जा रहे हो. हिंदू का.. मुस्लिम का.. सिख का.. ईसाई का.. बौद्ध का जैन का…किस धर्म का… किस शास्त्र का… मार्ग तुमने

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Sawan Somwar: दुनिया सुखी कैसे होगी ? परमात्मा की बातों को ध्यान से सुनों

यदि आप गूगल सर्च में केवल सावन लिखोगे तो आपको सावन में शिव की पूजा…सावन सोमवारी (sawan somwar) कब है जैसे सर्च दिखेंगे. लेकिन क्या किसी खास दिन…किसी खास की पूजा करने से आपको सुख की प्राप्ति हो जाएगी. यह सवाल खुद से एकांत में करना. खैर सुख के बारे में परमात्मा क्या कहते हैं,

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Sawan 2022: शिव लिंग नहीं, तुम्हारा देह ही तुम्हें सुख की ओर लेकर जाएगा

Sawan 2022: सावन का महीना कुछ दिनों के बाद प्रवेश कर जाएगा और भारत के लोग भगवान शिव की पूजा में लीन हो जाएंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं परमात्मा इस बारे में क्या विचार रखते हैं. नहीं…तो आइए हम परमात्मा के शब्दों में जानते हैं पूजा का अर्थ…एक ने पूछा हमने भारत में जन्म

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Sawan 2022:ईश्वर कण-कण में है, सावन में शिव की पूजा करने से पहले खुद से करो ये सवाल

धर्म वस्त्र नहीं आत्मा बदलने का नाम है ईश्वर कण-कण में है, सावन में शिव की पूजा करने से पहले खुद से करो ये सवाल Sawan 2022: सावन का माह या सावन का महीना (Sawan Month 2022) हिंदू धर्म में अत्यंत विशेष महत्व रखता है. लेकिन क्या आप जानते हैं परमात्मा पूजा-पाठ करने को लेकर

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Jagannath Rath Yatra 2022 : इस श्रृष्टी के तुम जगन्नाथ हो, जानें ‘परमात्मा’ क्या कहते हैं

Jagannath Rath Yatra 2022 : भगवान जगन्नाथ की बात करें तो ऐसी मान्यता है कि वे हिंदू देवता भगवान विष्णु के अवतार रूप हैं. लेकिन इस विषय पर ‘परमात्मा’ की बातें कुछ अलग और रोचक है. जी हां….…आइए जानते हैं ‘परमात्मा’ आखिर रथ यात्रा (Rath Yatra) के बारे में क्या सोचते हैं और वे इस

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मुक्ति कब मिलेगी ? हम जन्म-मृत्यु के चक्र से कब छूटेंगे ?

हम जन्म-मृत्यु के चक्र से कब छूटेंगे ?, कब इस आवागमन से
छुटकारा होगा ?, कब हमें शाश्वत जीवन मिलेगा ?,

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तुम्हें मोक्ष कैसे मिलेगा किस चीज से मोक्ष चाहते हो तुम ?

तुम्हें पता ही नहीं मोक्ष का मतलब क्या है , तुम्हें कुछ भी समझ नहीं है। केवल
शब्दों से भरमाये हुए हो तुम सभी।

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परमात्मा का दर्शन क्यों नहीं हो रहा है उस विराट का अनुभव क्यों नहीं हो रहा है ?

एक महात्मा आया बोला कि परमात्मा का दर्शन क्यों नहीं हो रहा है उस विराट का अनुभव क्यों नहीं हो रहा है ?क्या केवल मंदिर मस्जिद में जाकर ही परमात्मा की भावना कर ही पूरा जीवन बीत जाएगा ? क्या पूरा जीवन इन्हींसपनों में बीत जाएगा ? मैंने कहा नहीं मैंने कहा नहीं ! परमात्मा

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तुम स्वयं धर्म का खोल बनाते हो और बाद में उसी खोल में दबकर मर जाते हो।

सत्य क्या है? हम बात कर रहे है सत्य धर्म की । सत्य धर्म जिसे बुद्ध ने पाया, महावीर ने पाया,मोह्हमद ने पाया, जीजस ने पाया, नानक ने पाया। हम उस धर्म की बात नहीं कर रहे है जिसे तुम धर्म कहते हो या जिसे तुम्हारे धर्म गुरु धर्म कहते है। जिसे तुम हिन्दू मुस्लिम

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मुक्ति क्या है बंधन क्या है?

मुक्ति क्या है बंधन क्या है? तुम जिस मुक्ति की बात करते हो उसे खोजने से पहले ये देखो की बंधन क्या है? मुक्ति का तात्पर्य क्या है? मुक्ति यानि स्वतंत्रता, यानि बंधन मुक्त। हर प्रकार के बंधन को अस्वीकार करना, ये ही मुक्ति है इस प्रकार तुम्हारा तथाकथित धर्म भी एक बंधन ही है।

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आत्महत्या क्यों ?

इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी ? क्योकि तुम्हारे तथाकथित धर्म या सम्प्रदाय में कुछ तो कमी है की जिसके कारण पूरी दुनिया धार्मिक है फिर भी पूरी दुनिया भर में आत्महत्या हो रही है तुम यह जानकर हैरान होंगे की हमारी दुनिया में हर ४० सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है ! हर वर्ष पूरे

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बैसाखी थोड़े ही चलाती है लंगड़े को?

बैसाखी थोड़े ही चलाती है लंगड़े को? तुम सोचते हो की कि बैसाखी लंगड़े को चलाती है भूल में हो तुम। लंगड़ा बैसाखी को थामता है इसलिए ही चल पाता है। आत्मा और परमात्मा में कुछ भी तो भेद नहीं है दोनों एक ही है तुमने अपने कमरे के झरोखे से आकाश को देखा तो

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यंहा अनाड़ी ही धर्म ध्वजा सँभालने का दावा करते है।

यंहा अनाड़ी ही धर्म ध्वजा सँभालने का दावा करते है। इससे ज्यादा क्या नीचे गिरोगे तुम जंहा तुम्हे जागा हुआ मनुष्य पागल मालूम होता पड़े और धर्मो की खोल में छिपे हुए मदमस्त धार्मिक मालूम पड़े। जितने भी उसके दीवाने हुए उस अल्ल्हा की मोह्हबत में पागल हुए उन्हें संसार भर में पागल की दृष्टि

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तुम्हे कही भी पहुंचना नहीं है।

हम सब दौड़ रहे हैं परंतु क्यों? नहीं पता। और लौटता भी कौन है? और इस दौड़ का केवल रूपए की दौड़ से ही मत मान कर संतोष मत कर लेना। कि तुम तो बच गए क्योकि तुम रुपये की दौड़ में शामिल नहीं हो। लेकिन तुम रूपये की दौड़ में न सही अन्य दौड़

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क्या यही धर्म है ?

तुम ध्यान से देखना जब एक बच्चा पैदा होता है तो तुम सभी उसे अपने अपने तथाकथित धर्म के अनुसार धार्मिक चिन्हो से अवगत कराना शुरू कर देते हो। हिन्दू परिवार अपने बच्चे को तिलक लगाता है कंठी जनेऊ पहनता है, मंदिर की मूर्तियों से अवगत करवाता है, मुस्लिम परिवार बच्चे को मस्जिद ले जाता

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तुम अपने ही जैसे के प्रति आकर्षित होते हो।

तुम्हारा दृष्टिकोण क्या है यह इस बात से दिख जाता है कि तुम किसके प्रति आकर्षित होते हो ‘तुम किसमे कौन सा गुण  देखते हो।  ध्यान से देखना जो धन का लोभी होगा वो उसी के प्रति आकर्षित होगा जो वैरागी  दिखता हो।  हाँ केवल दिखता होयही मैंने कहाँ। असल में जो बैरागी होगा उसके

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परमात्मा को उतार कर धरती पर लाओ अगर तुम्हें सुखी होना है

परमात्मा को उतार कर धरती पर लाओ अगर तुम्हें सुखी होना है, आनंदित होना है, मस्त होना है तो यह करना ही होग। जन्मों-जन्मों बीत गए कल्पनाओं मे।  परमात्मा दूर आकाश में है, बैकुंठ में है, गोलोक में है, स्वर्ग में है, वह लोक चिरस्थाई हैं, प्रकाशमान है।  यही कहानियां गढ़ी है ना तुमने। और

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एक करोड़ मंदिर मस्जिद और बना कर देखो?

हर व्यक्ति धार्मिक होना चाहता है इसीलिए वो मंदिर मस्जिद गिरजे गुरुद्वारे और अपने अपने धर्म स्थलों पर जाता है पर सोचने वाली बात ये है कि क्या इन धर्म स्थलों पर जाकर व्यक्ति धार्मिक हो सकता है ? पूरी दुनिया में धर्म स्थलों की भरमार है लाखो करोड़ो मंदिर मस्जिद गिरजे गुरुद्वारे है धार्मिक

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परमात्मा के दर्शन कभी नहीं होते

परमात्मा के दर्शन कभी नहीं होते परमात्मा के दर्शन कभी नहीं होते क्योंकि उसके दर्शन होने का तो तात्पर्य होता है कि एक दशक हो गया और एक दृश्य हो गया, लेकिन ऐसा होते ही तुम्हारी तो धारणा खंडित हो जाती है। क्योंकि धारणा , सिद्धांत , वह तो तुम्हारा यही था ना कि कण-कण

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तुम प्रश्न पूछते हो? कि धार्मिक कैसे बनेंगे?

तुम प्रश्न पूछते हो? कि धार्मिक कैसे बनेंगे? बनने की कोशिश भी करते हो  लेकिन बनते नहीं! क्योंकि तुमने धर्म को समझा ही कुछ और है? तुमने धर्म के नाम पर पुस्तकें पकड़ ली। पुस्तकों में अटक गए। जीवन से कुछ भी नहीं सीखा हमेशा से ही ऊपर ऊपर से बदलने की चेष्टा की। पहले

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वास्तविकता में धार्मिक होने का मार्ग नास्तिकता से ही प्रारम्भ होता है

वास्तविकता में धार्मिक होने का मार्ग नास्तिकता से ही प्रारम्भ होता है। आस्तिक कौन है? अगर तुम मंदिर मस्जिद जाने वाले को ही आस्तिक समझते हो तो ये तुम्हारी भूल है। अगर सच्चे अर्थो में मंदिर मस्जिद जाने वाला ही आस्तिक है तो सारा संसार ही आस्तिक है। फिर तो तुम्हे कुछ करना ही नहीं

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जिसे तुम धर्म मानते हो वो धर्म नहीं तुम्हारा अहंकार ही है।

“धर्म या अहंकार” “आओ अब तो धर्म कोई ऐसा बनाया जाये। जिसमे इंसान को इंसान बनाया जाये !!” सारी दुनिया धार्मिक है कोई हिन्दू है कोई मुस्लमान है कोई सिख है कोई ईसाई है पूरी दुनिया में मुख्य 300 धर्म है और उपधर्म मिलाकर 3600 छोटे-मोटे नाम के धर्म है और ६८०० भाषाएँ है नाम

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हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई के घेरो से बाहर निकलो।

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई के घेरो से बाहर निकलो। धर्म हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं घेरे है। धर्म को जानना है तो घेरो से बाहर निकलो। अंडे के भीतर रहने वाला बच्चा अंडे को कभी जान ही नहीं सकता। आज समाज में धर्म के नाम पर हर कोई भेद भाव रखता है और ये

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