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Jagateraho

HOW DO WE PRACTICE ?

यहां कुछ भी साधन करके नहीं मिलता। यही भूल तो हमेशा से ही तुम कर रहे हो, साधना करेंगे। जब तप करेंगे, उपाय करेंगे, सिद्धियां करेंगे। तीर्थों में जाएंगे उपवास करेंगे।

तुम भूल कर रहे हो जिसको पाने के लिए तुम यह सब करोगे उसको तुम साथ लेकर ही आए हो।  लेकिन हुआ क्या ? पैदा होते ही तुम्हारे ऊपर संस्कारों के कचरे लाद  दिए गए, जिसके कारण तुम अपना स्वयं का मूल स्वरूप भूल गए।

परमात्मनः इसीलिए समझाते हैं या कुछ भी नहीं करना है क्योंकि जितना तुम करोगे उतना ही तुम स्वयं से दूर होते जाओगे। एक बार तुम बाहर निकले तो पूरी दुनिया का चक्कर लगाकर ही भीतर आना पड़ेगा। इसलिए कहीं बाहर नहीं जाना है। अगर तुम ध्यान से देखो तो सभी बुद्धौ ने कुछ भी न करने को ही कहा। सभी बुद्धौ ने कहा है कि यंहा कुछ भी नहीं करना। तभी तो अकर्मणता का सिद्धांत सत्य होता है।

बुद्धौ ने कुछ भी नहीं बनाया बल्कि उल्टा बुद्धौ ने तो केवल तोडा ही है। तुम्हारे ऊपर का कचरा , तुम्हारे ऊपर का संस्कार , तुम्हारी ढोई हुई जन्मो जन्मो की रूढ़िवादी विचारधाराएं। सभी तो तोड़ी है।

जैसे मूर्तिकार मूर्ति बनाता है तो कोई जोड़ता थोड़े ही है। वह तो छैनी हथोड़े से उस पत्थर को तोड़ता है जिसमें मूर्ति छिपी होती है। ऊपर से बिना वजह के लगे हुए पत्थर का भाग हटाता जाता है। भीतर से मूर्ति स्वयं प्रकट हो जाती है। इसी को तो कहते हैं स्वयंभू।

परमात्मनः तुम्हें कुछ भी करने को नहीं कहते। केवल शांत होना सीख जाओ। विश्राम करना सीख जाओ। परमात्मनः के लेक्चर सुनो बाहर की दौड़  को भीतर की ओर मोड़ दो और जिस दिन ऐसे विश्राम की अवस्था में बैठे-बैठे तुम्हारा सारा कचरा उतर जाएगा। उसी दिन बुद्धतत्व घट जाएगा।

उसी दिन तुम भी उदघोष कर उठोगे कि यहां एक ही परमात्मा है, उसके अलावा कुछ भी नहीं। और मैं भी नहीं।  यहीं पर अद्वैत सिद्ध हो चुका होगा। तुम्हारा बिना जपे उदघोष हो रहा होगा। अहम ब्रह्मास्मि। फिर जहां परमात्मा खड़े होंगे वही तुम परमात्मनः को भी पाओगे और वही तुम स्वयं को भी पाओगे। बात तीन नहीं एक ही होगा। यहां कुछ भी नहीं करना है।


In finding religion, not even a single effort has to be put in. you only just have to remove your orthodox, superstitious, the disciple you are following, measures you are taking, going to the pilgrimages, heaving fast doing unnecessary things which are wasting your time.

but exactly you know what happened with you? 

the day you are born you are entitled to follow the following measures which distracted your mind.

 once these things are removed you can easily find the truth.

“Parmatmana” :- he teaches you nothing has to be done, the more you do, the more you will get away from yourself. 

Once you get to indulge in the following measures, the more you will get involved in these things, later at a certain age, you get to know what you have exactly missed in life. 

 he says no efforts have to be put from your end just be free from the following measures and you will get enlightened.

Buddha didn’t create any aura in your mind, rather Buddha has taught you the truth behind life. he guided you into what the religion is. 

he removed The garbage which is there in your mind and the conservative ideologies you are carrying since birth. 

“Parmatmana”: he teaches You the right path to get enlightened for that you have to do nothing. you just have to be calm, Learn to relax.

just listen to the lecture of “Parmatmana”. the day you will realize that you are actually calm from inside, the day you are free from your mind that day you will find yourself in the state of Buddha the day you will get enlightened.

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