एक ने पूछा कि क्या धार्मिक होना या अध्यात्मिक (धार्मिक और आध्यात्मिक) होना आवश्यक है. हम क्यों हिंदू हों या क्यों मुसलमान, क्यों सिख, क्यों ईसाई जैन या बौद्ध…मैं वर्तमान
“धर्म प्राप्ति के उपाए” आज संसार मे जितने उपद्रव तुम धर्म कि नाम पर कर रहे हो उतने शायद ही किसी और नाम पर तुम कर पाते। हिन्दू मंदिर बनाने
एक ने प्रश्न पूछा कहता है परमात्मा धर्म की परिपूर्णता तक कोई भी क्यों नहीं पहुंच पाता है. धर्म एक पहेली क्यों बन गयी है. धर्म एक ऐसी भूल-भूलैया बन
एक ने प्रश्न किया कि परमात्मा तुम कहते हो कि तुम्हारा ये तथाकथित (What is Dharm)धर्म हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध ना हो तो समाज सुंदर हो जाएगा. कैसे
जब से तुमने धर्म को स्कूल में पढ़ाना चालू कर दिया है तब से धर्म की खोज ही समाप्त हो गई है कयोकि तुममे से हर कोई जानता है की
परमात्मा के दर्शन कभी नहीं होते परमात्मा के दर्शन कभी नहीं होते क्योंकि उसके दर्शन होने का तो तात्पर्य होता है कि एक दशक हो गया और एक दृश्य हो
ना मंदिर जगाओ…ना मस्जिद जगाओ…जागना है तो तुम स्वंय जागो (Wake up Yourself). धर्म क्या है. अध्यात्म क्या है. केवल जागरण का नाम…लेकिन तुम क्या करते हो. कोई अहले सुबह
Raksha Bandhan 2022 date : एक ने पूछा कहता है परमात्मा रक्षाबंधन के लिए कौन सा समय उचित है ? कौन सा मुर्हूत…किस समय रक्षा बंधन बांधा जाए. मुर्हूत देखे
परमात्मा तुम किन शास्त्रों में से पढ़कर बोल रहे हो. मैं किसी भी शास्त्र का उपयोग नहीं करता हूं. और ना मैं तुम्हारे शास्त्रों की व्याख्या कर रहा हूं. जानते
परमात्मा ने कहा कि जन्म से आजतक तुम्हें कुछ और ही समझाया गया है. मैं जो बातें बोल रहा हूं, शायद तुम्हें आज समझ में ना आये. उम्मीद है कि
एक ने पूछा कि परमात्मा तुम किन शास्त्रों में से पढ़कर बोल रहे हो. मैं किसी तुम्हारे शास्त्र से नहीं बोल रहा हूं. और ना मैं किसी शास्त्र की व्याख्या
एक ने प्रश्न किया कि क्या आप एक और धर्म की दुकान (Dhram ki Dukan) खोलने का प्रयास कर रहे हैं ? अगर तुम्हारे महात्माओं से यह प्रश्न किया जाए
एक व्यक्ति पूछता है कि परमात्मा तुम क्या सिखाने का प्रयास करते हो. तुम क्या समझाना चाह रहे हो या तुम दुनिया को क्या बनाना चाह रहे हो. मैं दुनिया
यंहा अनाड़ी ही धर्म ध्वजा सँभालने का दावा करते है। इससे ज्यादा क्या नीचे गिरोगे तुम जंहा तुम्हे जागा हुआ मनुष्य पागल मालूम होता पड़े और धर्मो की खोल में
What is god: फिर किसी ने पूछा कहा परमात्मा तुम्हारा मार्ग कौन सा है ? पंथ कौन सा है.. कौन सा शास्त्र…तुम्हारे रास्ते की गवाही दे रहा है कि तुम
बार-बार तुम्हारे प्रश्न…एक ही बात को तुम कई बार पूछते हो. मुक्ति कैसे संभव है. मोक्ष कैसे संभव है. मुक्ति (Moksha Prapti)… हम मरने के बाद कहां जाएंगे जिससे की
आजा लोट के आजा मेरे मीत तुझे मेरे गीत बुलाते है।”लौटना कभी आसान नहीं होता।”एक मशहूर कहानी आपने पहले भी सुनी होगी।एक आदमी सम्राट के पास गया और बोला कि
Jagannath Rath Yatra 2022 : भगवान जगन्नाथ की बात करें तो ऐसी मान्यता है कि वे हिंदू देवता भगवान विष्णु के अवतार रूप हैं. लेकिन इस विषय पर ‘परमात्मा’ की
एक ने पूछा कहता है परमात्मा प्रज्ञा जागृत होने पर जो रुपांतरण (Meaning of Rupantaran)होता है. बुधत्व के घटने पर जो मनुष्य में रुपांतरण होता है. वो क्या होता है.
क्या श्रद्धा से परमात्मा की प्राप्ति होती है? हा लेकिन मंदिर पर श्रद्धा से नहीं स्वयम पर श्रद्धा से। तुम अब तक मानते आये हो श्रद्धा से परमात्मा की प्राप्ति
तुम यहाँ क्यों आये हो जीवन क्या है? तुम लोग समझते हो हम लोग पैदा हुए मर जायँगे। बस यही जीवन है।नहीं यह जीवन नहीं है जीवन मिलता नहीं है