जीवन का सच्चा अर्थ क्या बन जाता है, पाखंड? - पाखंड (Pakhand) वह है जिसका स्वयं का अनुभव नहीं हुआ है। जीवन का सच्चा अर्थ स्वयं को पहचानना और उसका
धर्म जंगलो में भागने से नहीं मिलता तुम्हारा महात्मा तुम्हे हमेशा से ही गुमराह करता आया है तुमने देखा आज तुम्हारे घर क्यों टूट रहे है इसमें सबसे ज्यादा हाथ
जीवन लाखों लोगों में से एक को प्राप्त होता है. ये कोई आसमान से नहीं टपकता बल्कि धक्के खाकर मिलता है. जैसे मुझे मिला है. मुझे ये 52 वर्ष की
अज्ञान तो मारता है ज्ञान ज्यादा मारता हैं ! परमात्मा ने इतनी सुन्दर सृष्टि बनाई, नदिया बनाई, पेड़ पौधे बनाये, पक्षी बनाये, तुमहारे लिए पूरे परिवार की व्यवस्ता हुई तुम्हे
कभी तुमने चांदनी रात में झील देखी (What is Bhed Buddhi)है. तरंग उठती है तो क्या होता है ? तरंग उठने से चांद का प्रतिबिम्ब अशांत हो गया. खो गया.
जब से तुमने धर्म को स्कूल में पढ़ाना चालू कर दिया है तब से धर्म की खोज ही समाप्त हो गई है कयोकि तुममे से हर कोई जानता है की
परमात्मा ने कहा कि जन्म से आजतक तुम्हें कुछ और ही समझाया गया है. मैं जो बातें बोल रहा हूं, शायद तुम्हें आज समझ में ना आये. उम्मीद है कि
Sawan 2022: सावन का महीना कुछ दिनों के बाद प्रवेश कर जाएगा और भारत के लोग भगवान शिव की पूजा में लीन हो जाएंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं परमात्मा
परमात्मा तुम किन शास्त्रों में से पढ़कर बोल रहे हो. मैं किसी भी शास्त्र का उपयोग नहीं करता हूं. और ना मैं तुम्हारे शास्त्रों की व्याख्या कर रहा हूं. जानते
यदि आप गूगल सर्च में केवल सावन लिखोगे तो आपको सावन में शिव की पूजा...सावन सोमवारी (sawan somwar) कब है जैसे सर्च दिखेंगे. लेकिन क्या किसी खास दिन...किसी खास की
एक ने पूछा परमात्मा धर्म का लोप क्यों हो रहा है ? धर्म की हानि क्यों हो रही है ? मनुष्य अशांत क्यों है ? अगर एक मनुष्य हिंसा नहीं
परमात्मा के दर्शन कभी नहीं होते परमात्मा के दर्शन कभी नहीं होते क्योंकि उसके दर्शन होने का तो तात्पर्य होता है कि एक दशक हो गया और एक दृश्य हो
https://www.youtube.com/embed/fqQ7Nj6e39w धर्म क्या है? धर्म एक तेज धार तलवार है, जिस पर लाखों कट चुके हैं और लाखों कटने को तैयार हैं। यह धर्म नहीं है, ना हिंदू होना, ना
सत्य क्या है? हम बात कर रहे है सत्य धर्म की । सत्य धर्म जिसे बुद्ध ने पाया, महावीर ने पाया,मोह्हमद ने पाया, जीजस ने पाया, नानक ने पाया। हम
एक महात्मा आया बोला कि परमात्मा का दर्शन क्यों नहीं हो रहा है उस विराट का अनुभव क्यों नहीं हो रहा है ?क्या केवल मंदिर मस्जिद में जाकर ही परमात्मा
एक ने पूछा कि क्या धार्मिक होना या अध्यात्मिक (धार्मिक और आध्यात्मिक) होना आवश्यक है. हम क्यों हिंदू हों या क्यों मुसलमान, क्यों सिख, क्यों ईसाई जैन या बौद्ध…मैं वर्तमान
हम सब दौड़ रहे हैं परंतु क्यों? नहीं पता। और लौटता भी कौन है? और इस दौड़ का केवल रूपए की दौड़ से ही मत मान कर संतोष मत कर
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई के घेरो से बाहर निकलो। धर्म हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं घेरे है। धर्म को जानना है तो घेरो से बाहर निकलो। अंडे के भीतर
परमात्मा को उतार कर धरती पर लाओ अगर तुम्हें सुखी होना है, आनंदित होना है, मस्त होना है तो यह करना ही होग। जन्मों-जन्मों बीत गए कल्पनाओं मे। परमात्मा दूर
एक व्यक्ति आया और वह पूछता है कि परमात्मा मैं कौन सी सिद्धी करूं जिसमें सिद्ध (Bageshwar Dham) हो जाऊं…जिससे मुझे बोध प्राप्त हो जाए. जिससे मैं उस परमात्मा को
Sawan Somwar 2022: अभी सावन का महीना चल रहा है और सभी शिव की भक्ति में लीन हैं. जानते हो क्यों ? सुख और समृद्धि के लिए…लेकिन क्या केवल सावन