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Jagateraho

WHY PARMATMANA ?

परमात्मनः ही क्यों?

अगर परमात्मा को जानना है। तो तुम्हारे लिए एक ही मार्ग है कि तुम किसी बुद्ध को खोज लो। बुद्ध जो स्वयं जागृत हो जो स्वयं उसका दीदार कर चुका हो। जो स्वयं इनलाइटेड हो चुका हूं, कोई भी हो। 

परमात्मनः ही क्यों?

कोई भी ऐसा व्यक्ति खोज लो

लेकिन मंदिरों मस्जिदों वाला नहीं , गिरजे गुरुद्वारे वाला भी नहीं , नाम का  सद्गुरु भी नहीं , नाम का श्री श्री 1008 भी नहीं। केवल वही जो केवल परमात्मा की बात करता हो, केवल परमात्मा ही दिखाने की बात करता हो ना मंत्र , तंत्र , ना उपाए  ना पूजा , ना प्रार्थना ,   नमाजे कुछ भी तो नहीं।  केवल परमात्मा , केवल खुदा। 

अगर परमात्मा को जानना है तो किसी ऐसे बुद्ध को खोज लो जो उसे जानता हो या यूं कहें कि परमात्मा को जानने के लिए किसी जीते जागते परमात्मा को खोज लो। क्योंकि परमात्मा को उपलब्ध हुए बिना परमात्मा हुए बगैर कोई भी उस परमात्मा को नहीं जान सकता।  तो जो परमात्मा को जान चुका है जो परमात्मा हो चुका है तुम उसी को खोज लो वही तुम्हे परमात्मा को उपलब्ध करा सकता है। 

वही तुम्हें भी परमात्मा के द्वार तक ले जा सकता है जिसने अपना पथ पा लिया जिसने अपना द्वार खोज लिया। वही तुम्हारी उंगली पकड़कर तुम्हे परमात्मा के द्वार तक ले जा सकता है और आज परमात्मनः ने उस परमात्मा का द्वार खोज लिया है। वो स्वयं पंहुचे है, तुम्हें भी पहुंचाना चाह रहे है।

अगर तुम यह सोचते हो कि पुस्तके पढ़कर परमात्मा को जाना जा सकता है। तुम उसे जान लोगे , पहचान लोगे तो तुम उन पंडितों को  ही  देख लो जिन्होंने पुस्तकें पढ़ी। पुस्तके याद की है क्या हुआ वह सभी तोते बन गए लेकिन परमात्मा को तो ना जान पाए।

परमात्मनः समझाते हैं कि आज समाज की जो हालत है जो अशांति सभी के मन में है  उसका कारण केवल एक ही है कि मनुष्य के भीतर से धर्म विलुप्त हो गया है। जहां धर्म होना चाहिए था जहां सत्य होना चाहिए था जहां परमात्मा होना चाहिए था। वहां केवल विचारधारा रह गई। किसी के भीतर हिंदू की विचारधारा किसी के भीतर मुसलमान की विचारधारा। किसी के भीतर सिख की और किसी के भीतर इस ईसाई और कुछ भी तो नहीं?

इस धर्म के विलुप्त होने की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा केवल और केवल धर्म गुरुओं की है जो कि उन्होंने लोगों को धर्म के नाम पर गुमराह किया।

मनुष्य अपने अपने धर्म गुरुओं के पास जाता है धर्म प्राप्त करने के लिए लेकिन तो धर्म मिलता है और ही परमात्मा। बस एक विचारधारा मिल जाती है किसी को हिन्दू की , किसी को मुसलमान की , किसी को सिख की , किसी को ईसाई की और दुनिया में सेकड़ो प्रकार की विचारधाराएं है लेकिन धर्म सत्य परमात्मा खुदा अल्लाह आनंद कुछ भी तो नहीं।  

धर्म क्या है, सत्य क्या है, परमात्मा क्या है यह तो केवल कोई बुद्ध ही जान पाता है। वही बुद्ध ही तुम्हे उस तक पंहुचा पाता है और वो अपने ही मार्ग से पंहुचता है किसी और के बनाए मार्ग से नहीं। 

किसी और का बनाया हुआ मार्ग काम ही नहीं आता। अगर दूसरे का मार्ग काम आता तो तुम सभी पहुंच गए होते करोड़ों तो उसी बने बनाये मार्ग पर चल रहे हैं। हिन्दू के मार्ग से , मुस्लिम के मार्ग से , सिख , ईसाई के मार्ग से सभी तो चल रहे है लेकिन कितने पंहुचे।

आज परमात्मनः ने एक नया द्वार खोज लिया है। परमात्मनः उस तक पहुंचे हैं। परमात्मनः ने उसे पाया है। परमात्मनः चाहते हैं कि तुम भी पंहुचो आज परमात्मनः जीवित है इसीलिए आज वह द्वार खुला है। आज परमात्मनः तुम्हारा पथ प्रदर्शन करते हुए तुम्हें वहां तक पहुंचा सकते हैं लेकिन परमात्मनः के जाते ही ये द्वार भी पुनः बंद हो जाएगा।  ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार आज पहले के सारे द्वार लगभग विलुप्त हो गए है।

ठीक उसी द्वार की तरह। जिस प्रकार पुराने बुद्धौ का द्वार बंद हो चूका है आज उन बुद्धौ की जगह संसार के बने हुए धर्मगुरुओं ने दुकानें बना ली है, लेकिन उनसे पहुंचा तो कोई भी नहीं वह केवल मार्ग रह गया। सांप चला गया लकीरे गई। कुछ भी नहीं होगा इस प्रकार। 

परमात्मनः के जाते ही पुनः यह मार्ग भी विलुप्त हो जाएगा। फिर यह मार्ग भी बिल्कुल वैसा ही हो जाएगा। जैसा आज तुम सभी का मार्ग है। लेकिन आज उन पुराने तुम्हारे मार्गों से कोई भी तो नहीं पहुंच पा रहा है

आज ही उस परमात्मा को जान लो क्योंकि फिर परमात्मनः के जाने के बाद भी कोई और सामने आएगा। वह परमात्मनः के नाम की नई दुकान सजायेगा मूर्ति बनाएगा। इन्हीं शब्दों के ग्रंथ बनाकर सामने रखेगा और एक नया मरा हुआ पंथ परमात्मनः के नाम का जन्म ले लेगा। लेकिन कोई भी पहुंचेगा नहीं तो जब तक जीवित बुद्ध सामने है उसी को पकड़ लो।

फिर कोई यह कहेगा कि परमात्मनः रात स्वपन में आए और उन्होंने एक और ध्यान लिंगम बनाने का आदेश दे दिया। 15000 वर्ष पुरानी एक नई कहानी गढ़ दी जाएगी और कोई उसे बनाकर तुम्हारा धन लूटेगा। तुम्हारा समय बर्बाद करेगा। कोई एक ही थाली में दो चार व्यक्ति को खाना खिला कर अपनी दुकान बना लेगा कोई चाय समोसे खिला कर बीमारियां दूर करने की दुकान चलाएगा

मूर्तियां तो परमात्मनः की सब की दुकानों पर होंगी लेकिन एक भी मूर्ति में जीवंतता ना होगी। उनसे एक भी व्यक्ति ना पहुंच पाएगा क्योंकि वहां से जिंदा बुद्धत्व जा चुका होगा। जिंदा जीवित सत्य जा चुका होगा।

आज परमात्मनः जीवित है, देह में हैं। अगर तुम्हें भी सत्य को जानना है। परमात्मा को जानना है तो आज ही जान लो, आज ही पहचान लो।

 

If you really want to understand who actually The {PARMATMA} is then start searching for any Enlightened Buddha. The Buddha who is already self-awakened and have already enlightened.

Why only Parmatmana??

Search any enlightened Buddha, not The person available in Mosque, Temples, Gurudwara, Fathers and not the person like Sadguru or Shri Shri 1008 and many more. You need that person who is already enlightened and can teach you the right Dharma.
Search any enlightened Buddha who only talks about Right Dharma. Neither talks about mantra nor tantra, puja , prayer etc rather who only teaches you how to get enlightened.

If you really want to know what is the right Dharma you need to find any enlightened Buddha who actually seen the {PARMATMA}, who teach you the right Dharma. Because no one can teach you unless and until he already gets enlightened. So the one who already gets enlightened, is the one who can teach about the Right Divine, you should search The Parmatmana who already gets enlightened.

The enlightened Parmatmana , can teach you the right path and the right door as he already found that path. He can take you to the gate of God by holding your finger and as today Parmartmana has found the path. He himself has reached, wants to teach the same path to reach that divine.

If you think that you can get enlightened by reading books. Then you must ask your Dharma Gurus who actually read the books and mug up those books did they actually find The {PARMATMA}. What happened to your Dharma gurus they all have become parrots, but they didn’t find the real divine?

Parmatmana, teaches you the condition of society today is getting worst just because of only one reason which is their in everyone’s mind regarding the religion. Where truth, religion, divine, dharma must exist, only orthodox ideology are left. Some people may carry with Hindu ideology, some with Muslim ideology some with Sikh ideology and many more. Is there anything else??

The real religion is destructed by your Dharma gurus who have misled you in the name of religion. People go to his own Dharma gurus to be religious.

What is Dharma? What is truth? Who is {PARMATMA}? 

This only the real enlightened Buddha can know. The real enlightened Buddha only can teach you and show you the right path.

Someone else’s road like your Dharma gurus tell you will not work, which they are reading from books and guiding you. If the other’s path had worked, you would all have reached it. Crores of people, are following the same path. All are moving through Hindu route, Muslim route, Sikh and Christian route, but how many of you have reached.

Today Parmatmana has discovered a new door. Parmatmana is already enlightened. Parmatmana wants to teach you the right path to get enlightened. Today Parmatmana, can lead you there, as he is available. In case Partmanana, is not available there is no other enlightened Buddha who guide you the right path rather your Dharma Gurus will misled you in wrong way.

Just like the previous doors are closed when years back few Buddha came and gone and their position has been taken by your Dharma Guru who are misleading you showing the wrong path and still you didn’t get enlightened.

If you really want to get enlightened go to Parmatmana, as he will teach you how to get enlightened for that you don’t have to do as puja, prayers, mantra, tantra, yagya, and so called religious rituals. As Parmatmana leave, again your so called new Dharma Gurus will come and start with new shops selling products, idols etc and again they will start misleading you.

As long as live Buddha is available in front of you, hold it and follow the right path who teach you to get enlightened.

Once any Buddha will go from this world, again someone will say that Parmatmana came into the night and he asked to make another Dhyanam lingam. Again a new story, 15000 years old will be fabricated in front of you and someone will misled you, will waste your wealth as well as your time. 

You will find the idols of Parmatmana in every shop but not the single idols are alive. As only the self awakened Buddha only can show you the right path and the truth and the real Dharma.

As Parmatmana is alive today, if you really want to get enlightened you just have to follow the right path which Parmatmana wants to teach you and wants you to get enlightened.

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