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Jagateraho

WHAT IS DHARMA ?

धरम! क्या है? अध्यात्म क्या है? सत्य क्या है?

इसके लिए पहले यह जान ले। कि धर्म ,अध्यात्म, सत्य , परमात्मा  भिन्न-भिन्न नहीं है, एक ही वस्तु के कई नाम हैं, कोई उसे धर्म कहता है कोई उसे सत्य कहता है कोई उसे परमात्मा कहता है, कोई उसे खुदा कहता है , कोई उसे अल्लाह कहता है , कोई आत्मज्ञान , कोई बुद्ध , कोई प्रबुद्ध। कोई प्रज्ञा , कोई जागृत? कोई self-realization कहता है?  कुछ भी कहो।  है तो एक ही।

 सभी ने भिन्न-भिन्न परंपराओं में होने के कारण उसके  भिन्न-भिन्न नाम रख दिए ताकि अपने अपने अहंकार को बनाये  रखा जाए। अपनी अपनी मैं को बनाए रखा जाए। अपने अहंकार को बढ़ाया जाए। अपना अस्तित्व मिटने ना पाए।

लेकिन परमात्मा कहते हैं कि उसको जानने से पहले , धर्म को , अध्यात्म को , सत्य को , परमात्मा को , खुदा को , जानने से पहले यह जान लो कि जानने वाला कौन है। परमात्मा ने पहले भी कई बार कहा बताया समझाया कि तुम देखने वाले को खोज कर ले आओ।  परमात्मा को तो मैं उसकी आंखों के सामने खड़ा कर दूंगा। परमात्मा कहते हैं धर्म कोई हिंदू, मुस्लिम ,सिख, ईसाई ,बौद्ध ,जैन इनका नाम नहीं है।

धर्म तो एक खोज है। अध्यात्म तो एक खोज है। सत्य तो एक खोज है। और वह खोज किसी और की नहीं। तुम्हारी स्वयं की खोज है कि तुम कौन हो?  जिस दिन तुम स्वयं को खोज लेते हो उस दिन और कुछ खोजना ही शेष नहीं रहता।

परमात्मा कहते हैं कि तुम जो भागे जा रहे हो। मंदिरों में , मस्जिदों में , गिरजा में , गुरुद्वारों में , तीर्थों में , काबा काशी में।  इससे कुछ भी तो नहीं होता क्योंकि अगर इससे हो सकता तो हो गया होता।

नहीं, यह धर्म का मार्ग ही नहीं है। यह अध्यात्म का मार्ग भी नहीं है। परमात्मा कहते हैं धर्म केवल स्वयं को जानने का नाम है। 

और तुम कौन हो? कोई कहता है तुम बून्द हो , कोई कहता है तुम आत्मा हो, कोई कहता है तुम जीवात्मा हो, कोई कहता है तुम खुदा के बंदे हो, कोई कहता है तुम दास हो। लेकिन क्या तुम जान पाए कि तुम कौन हो। 

परमात्मा कहते हैं। जिस दिन तुम स्वयं को खोज लेते हो तो पाते हो कि तुम वही हो जिसे तुम खोजना चाह रहे थे, जिसे तुम खोज रहे थे जिसकी खोज में तुम भाग रहे थे यानी पूर्ण ब्रह्म। कोई कहता है हम परमात्मा ही हैं। लेकिन परमात्मा के अंश है। यानी वह सागर है और हम बूंद है। तो वह तर्क देते हैं कि बूंद कभी सागर कैसे बन सकती है।  तो परमात्मा कहते हैं बूंद सागर में मिलकर स्वयं की हस्ती को मिटा कर उसी सागर को जान सकती है और वह सागर बन सकती है यह भी कहना ठीक नहीं है। वह सागर ही है। यही बात ठीक है।

यह अनुभूति उसे स्वयं के मिटने पर ही होती है।

आज परमात्मा को हुई  एक दिन तुम्हें भी होगी, सभी को होगी क्योंकि उस परमात्मा को पाना तो सभी का अधिकार है और इसी विधि का नाम अध्यात्म है ,  इसी विधि का नाम स्पिरिचुअलिज्म है और इसी विधि की पूर्णता का नाम सत्य है। उसी का नाम परमात्मा है और उसी का नाम धर्म है।

लेकिन आज अज्ञानता वश लोगों ने हिंदू , मुस्लिम , सिख, ईसाई , बौद्ध , जैन ! इन्हीं सब विचारधाराओं को धर्म मान लिया है और इस मानने से वह  स्वयं ही दुखी और भ्रमित हो रहे हैं।

परमात्मा कहते हैं कि वह उस बुद्धत्व के स्तर को छू चुके हैं और वह कहते हैं कि बुद्धत्व के स्तर को पाना ही हर मनुष्य का लक्ष्य है और जैसे ही कोई भी मनुष्य है, उस स्तर को पा लेता है वहीं पर उसका स्वयं का अस्तित्व समाप्त हो जाता है। वह स्वयं मिट जाता है।

परमात्मा कहते हैं एक जिंदा बुद्ध ही तुम्हें इस स्तर पर ला सकता है। एक जिंदा बुद्ध ही तुम्हें धर्म के विषय में , सत्य के विषय में , अध्यात्म के विषय में समझा सकता है। एक जिंदा बुद्ध ही दूसरे को भी बुद्ध बना सकता है ।

आज तुम सभी के पास भी अवसर है क्योंकि आज फिर एक बुद्ध का आविर्भाव हुआ है। अगर तुम भी उस बुद्धत्व के स्तर को पाना चाहते हो उस धर्म को , सत्य को , अध्यात्म को , परमात्मा को , खुदा को जानना चाहते हो तो यही समय है। स्वयं को जानना चाहते हो तो यही समय है । यही समय है उठो जागो और धर्म को प्राप्त कर लो। सत्य को जान लो बुद्धत्व को उपलब्ध हो जाओ।

 

Dharam! What is it? What is spirituality? What is the truth?

For this, first know this. That religion, spirituality, truth, God is not different, the same thing has many names, some call it religion, some call it truth, some call it divine, some call it God, some call it Allah, Some enlightenment, some Buddha, some enlightened. Any intelligence, someone awake? Someone say self-realization? say anything. Is the same.

Everyone, being in different traditions, gave them different names so that their ego would be maintained. Maintain your own self. Increase your ego. Do not let your existence disappear.

But God says that before knowing him, before knowing religion, spirituality, truth, God, God, know who is the knower. God has said many times before that he explained that you should bring the seeker. I will make God stand before his eyes. God says religion is not a Hindu, Muslim, Sikh, Christian, Buddhist, Jain name.

Religion is a discovery. Spirituality is a discovery. Truth is a discovery. And that discovery is not from anyone else. Your own discovery of who you are? The day you find yourself, there is no more left to search for that day.

God says that you are running away. In temples, in mosques, in churches, in gurdwaras, in pilgrimages, in Kaaba Kashi. Nothing happens with this because if it could have happened then it would have happened.

No, this is not the path of religion. It is also not the path of spirituality. God says religion is only the name of knowing oneself.

And who are you Some say you are a boo, some say you are a soul, some say you are a soul, some say you are a god, some say you are a slave. But did you know who you are?

It is said by God. The day you find yourself, you find that you are what you were looking for, what you were searching for, in which you were running in search of full Brahman. Some say that we are only God. But part of the divine. That is, he is the ocean and we are the drops. So he argues that how can a drop ever become an ocean. So God says that it is not right to say that a person can join the drop ocean and erase his own personality and know that ocean and it can become an ocean. It is the ocean. This is fine.

This feeling occurs only on his own disappearance.

Today, one day the divine will happen to you, everyone will because everyone has the right to receive that God and this method is called spirituality, this method is called Spiritualism and the name of this method is true. His name is God and his name is Dharma.

But today, people subdued ignorance, Hindu, Muslim, Sikh, Christian, Buddhist, Jain! All these ideologies have been accepted as religion and due to this they themselves are getting sad and confused.

God says that he has touched that level of intelligence and he says that the goal of every human being is to attain the level of intelligence and as soon as any human being attains that level, then his own existence ends there it happens. It disappears itself.

God says only a living Buddha can bring you to this level. Only a living Buddha can explain you about religion, about truth, about spirituality. Only a living Buddha can make the other Buddha.

Today all of you also have an opportunity because today a Buddha has again emerged. If you also want to attain that level of intelligence, you want to know that religion, truth, spirituality, God, God. If you want to know yourself, this is the time. This is the time to wake up and get religion. Know the truth, become enlightened.

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