धर्म एक धंधा था: पूरा देश अँधा था
धर्म क्या है? धर्म एक तेज धार तलवार है, जिस पर लाखों कट चुके हैं और लाखों कटने को तैयार हैं। यह धर्म नहीं है, ना हिंदू होना, ना मुस्लिम होना, ना सिख होना, ना ईसाई होना। धर्म तो एक आग है, जो तुम्हारे भीतर जलती है। जल गई तो तुम धार्मिक, तुम प्रबुद्ध, तुम […]
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