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Author name: ALLAHA BHAGWAN

क्या बन जाता है पाखंड

क्या बन जाता है, पाखंड? (Kya Ban Jata Hain Pakhand)

जीवन का सच्चा अर्थ क्या बन जाता है, पाखंड? – पाखंड (Pakhand) वह है जिसका स्वयं का अनुभव नहीं हुआ है। जीवन का सच्चा अर्थ स्वयं को पहचानना और उसका आनंद लेना है। जब कोई व्यक्ति स्वयं के जीवन को समझ जाता है, तो उसे अपने जीवन की महत्ता का भान होता है। वह समझ […]

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धर्म एक धंधा था: पूरा देश अँधा था

धर्म क्या है? धर्म एक तेज धार तलवार है, जिस पर लाखों कट चुके हैं और लाखों कटने को तैयार हैं। यह धर्म नहीं है, ना हिंदू होना, ना मुस्लिम होना, ना सिख होना, ना ईसाई होना। धर्म तो एक आग है, जो तुम्हारे भीतर जलती है। जल गई तो तुम धार्मिक, तुम प्रबुद्ध, तुम

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