मुख्य प्रश्न ?
यह प्रश्न आमतौर पर उन विचारों और कथाओं से जुड़ा होता है, जो कुछ विशेष संस्कृतियों या धार्मिक परंपराओं में हैं। हालांकि, यह सवाल विशेष रूप से भारतीय दर्शन, बौद्ध धर्म और अन्य धार्मिक मतों से जुड़ा हुआ है। एक दृष्टिकोण यह है कि ‘‘बुद्ध इस धरती पर नहीं आए थे‘‘ का संबंध उस विचार से हो सकता है, जो किसी काल्पनिक, मिथकीय या वैदिक दृष्टिकोण से जुड़ा हो।
लेकिन बौद्ध धर्म के दृष्टिकोण से, यह कथन बिल्कुल उलट है, क्योंकि बौद्ध धर्म के अनुसार गौतम बुद्ध, जो शाक्यमुनि के नाम से भी प्रसिद्ध हैं, इस पृथ्वी पर आए थे। उन्होंने ही बौद्ध धर्म की नींव रखी और जीवन के दुखों से मुक्ति पाने का मार्ग दिखाया।
’’गौतम बुद्ध का जन्म और जीवनः’’
गौतम बुद्ध का जन्म लगभग 563 ईसा पूर्व लुंबिनी (वर्तमान नेपाल) में हुआ था। उनका वास्तविक नाम सिद्धार्थ था, और वे शाक्य कबीले के राजकुमार थे। बचपन में ही उन्होंने संसार के दुःखों का अनुभव किया और उसे समाप्त करने का मार्ग तलाशने के लिए घर छोड़ दिया। वर्षों की तपस्या और ध्यान के बाद, उन्होंने ‘‘बुद्धत्व‘‘ (ज्ञान की प्राप्ति) प्राप्त की और संसार के दुःखों और उनके कारणों को समझा। इसके बाद उन्होंने बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को प्रचारित किया।
’’‘‘बुद्ध इस धरती पर नहीं आए थे‘‘ का संभवतः संदभर्ः’’
यह कथन विभिन्न संदर्भों में व्याख्यायित किया जा सकता है, और इसे धार्मिक या दार्शनिक दृष्टिकोण से देखा जा सकता है। कुछ उदाहरण हैंः
’’हिंदू दृष्टिकोणः’’
हिंदू धर्म में बौद्ध धर्म को एक अलग परंपरा माना जाता है। कुछ हिंदू तात्त्विक दृष्टिकोण से मानते हैं कि गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार नहीं माना जाता। इसके अलावा, हिंदू धर्म में विश्वास किया जाता है कि भगवान के विभिन्न अवतार पृथ्वी पर आते हैं, लेकिन बुद्ध को भगवान विष्णु का एक अवतार मानना कुछ हिंदू विचारधाराओं में विवादित रहा है। इस संदर्भ में, यह कथन हो सकता है कि ‘‘बुद्ध इस धरती पर नहीं आए थे‘‘।
’’मिथक और दार्शनिक दृष्टिकोणः’’
कुछ विशेष सांस्कृतिक या धार्मिक ग्रंथों में यह कथन एक प्रकार के मिथक या रूपक के तौर पर हो सकता है, जिसका उद्देश्य यह दर्शाना हो कि बौद्ध धर्म या बुद्धत्व की अवधारणा किसी असाधारण, दिव्य या अलौकिक रूप में उत्पन्न हुई थी, न कि एक व्यक्ति द्वारा। यह दृष्टिकोण उन लोगों द्वारा हो सकता है जो बौद्ध धर्म को एक अमूर्त और आध्यात्मिक अनुभव मानते हैं, न कि किसी ऐतिहासिक व्यक्ति का अनुसरण।
’’जैन धर्म या अन्य धार्मिक विचारः’’
जैन धर्म और कुछ अन्य भारतीय धार्मिक परंपराओं में भी विभिन्न अवतारों और तात्त्विक अवधारणाओं का उल्लेख होता है। जैन धर्म में कोई ‘‘बुद्ध‘‘ के समकक्ष व्यक्तित्व नहीं है, और वह सिद्धांतों को अलग तरीके से प्रस्तुत करते हैं।
’’संक्षेप मेंः’’
बौद्ध धर्म के अनुसार, गौतम बुद्ध इस धरती पर आए थे, और उनका जीवन और उपदेश इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि यह कथन ‘‘बुद्ध इस धरती पर नहीं आए थे‘‘ कहीं सुना जाता है, तो वह किसी विशिष्ट सांस्कृतिक, धार्मिक या दार्शनिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व कर सकता है, जिसमें बौद्ध धर्म की परंपरा को या गौतम बुद्ध के अवतार को विशेष रूप से अन्यथा देखा जाता है।